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प्राचार्य का संदेश


प्रिय विद्यार्थियों,

राजकीय महाविद्यालय बंजार के नये शैक्षणिक सत्र में आपका स्वागत है। आपने स्नातक की शिक्षा के लिए इस महाविद्यालय को चुना है, इसके लिए मैं आपका धन्यवाद करना चाहता हूँ। राजकीय महाविद्यालय बंजार में अध्ययन-अध्यापन की उत्कृष्ट एवं गौरवशाली परम्परा रही है। यह महाविद्यालय में कार्यरत प्राध्यापकों की योग्यता, कर्तव्यनिष्ठा एवं अध्यापन के प्रति उनके समर्पण के कारण संभव हो पाया है। ग्रामीण क्षेत्र में स्थित एक अपेक्षाकृत छोटे महाविद्यालय में सेवा देना चुनौतीपूर्ण कार्य है। इस चुनौती एवं दायित्व का निर्वहन हमारे प्राध्यापक बखूबी कर रहे हैं। इसके लिए मैं उनकी सराहना करता हूँ तथा उन्हें साधुवाद देना चाहूँगा। अध्ययन-अध्यापन की इस उत्कृष्ट परम्परा को बनाने में आप छात्र-छात्राओं का योगदान भी कम महत्त्वपूर्ण नहीं है। कुल्लू महाविद्यालय में कार्य करने के दौरान मुझे बंजार के विद्यार्थियों से मिलने का अवसर मिलता रहा है। इस दौरान बंजार के विद्यार्थियों की कुछ खास विशेषताओं ने मेरा ध्यान आकर्षित किया एवं मुझे प्रभावित किया। ये विशेषताएं हैं: अनुशासन, अध्ययनशीलता एवं पढ़ाई के प्रति लगन। मैं आशा करता हूँ बंजार महाविद्यालय में कार्य करने के दौरान मेरा यह विश्वास और भी मजबूत होगा।

राजकीय महाविद्यालय बंजार विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। यहाँ सह- पाठयक्रम गतिविधियों (Co-curricular Activities) के भी पर्याप्त अवसर हैं। NSS, R&R, NCC तथा अन्य क्लबों एवं सोसाइटीज के माध्यम से भी आप अपनी रचनात्मक क्षमता का विकास कर सकते हैं। महाविद्यालय में पुस्तकालय, भाषा प्रयोगशाला , कम्पूटर तथा अन्य ICT संसाधन भी हैं। सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के दौर में मोबाइल तथा कम्पूटर हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है लेकिन मैं चाहता हूँ आप किताबों की दुनिया से भी जुड़ें। आपने सफ़दर हाशमी की कविता –“किताबें कुछ कहना चाहती हैं, तुम्हारे पास रहना चाहती हैं....” पढ़ी होगी। किताब को पढ़कर जो आत्मीय रिश्ता पाठक का बनता है,वह किसी और माध्यम से नहीं बन सकता।

प्यारे विद्यार्थियों, हम सब ने अपने बचपन में जादुई डिबिया वाली कहानी पढ़ी है। इसमें जादू की छड़ी या डिबिया से जो मांगों - मिलता है। इस कहानी को पढ़कर हम रोमांचित होते थे एवं सोचते थे कि काश हमारे पास भी ऐसी कोई जादुई छड़ी होती। आप यकीन मानो, यह आज भी संभव है ‘शिक्षा’ वह जादू की छड़ी है जिसके द्वारा हम जीवन में जो चाहे पा सकते हैं। शिक्षा द्वारा अर्जित सफलता से हमें जीवन में मान-सम्मान मिलता है तथा हमारी भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति होती है। अत: छात्र जीवन शिक्षा के द्वारा अपने जीवन को संवारने एवं करिअर में सफलता पाने का सुनहरा अवसर होता है। इससे हम अपना, अपने महाविद्यालय एवं अपने समाज व राष्ट्र का नाम रोशन कर सकते हैं। इस कार्य में सहयोग देने के लिए राजकीय महाविद्यालय बंजार का समस्त स्टाफ – शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक आपके साथ है।

आपके स्वस्थ एवं सफल जीवन की मंगलकामना के साथ



राजेश कुमार सिंह
प्राचार्य